तुलसी के फायदे
परिचय
तुलसी के प्रकार
1) वाना तुलसी
वाना एक हिंदी शब्द है जिसका अंग्रेजी में अनुवाद वन होता है। वन तुलसी एक बारहमासी तुलसी है। यह वास्तव में Ocimum gratissimum प्रजाति के अंतर्गत आता है, जो राम और कृष्ण तुलसी से अलग है। वन तुलसी को अफ्रीकी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है
2)कृष्ण तुलसी
कृष्णा तुलसी के पत्ते जामुनी रंग के होते हैं जिनमें तेज सुगन्धित गंध होती है। माना जाता है कि इसमें राम तुलसी से भी अधिक औषधीय गुण होते हैं। उस ने कहा, कुछ लोगों को कृष्णा तुलसी का स्वाद काफी मसालेदार और तीखा लग सकता है। अपने घर में राम और कृष्ण तुलसी दोनों उगाना एक अच्छा विचार है।
3)अमृता तुलसी
इस तुलसी पर पर्याप्त चर्चा नहीं की गई है, लेकिन यह काफी अनोखी बारहमासी किस्म है। अमृता नाम का मतलब
अमरता होता है। शायद इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस पौधे को मारना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह सबसे कठिन और विभिन्न प्रकार के वातावरण में बढ़ सकता है। दिखने में यह राम और कृष्ण तुलसी का मिश्रण लगता है- पत्ते हरे होते हैं लेकिन तना बैंगनी रंग का होता है।
4)रामा तुलसी
राम तुलसी को पत्तियों के चमकीले हरे रंग से पहचाना जाता है। यह घर में सबसे ज्यादा लगाई जाने वाली तुलसी है। इसे अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है और कड़ी धूप या कम तापमान में भी इसे आसानी से उगाया जा सकता है। रामा तुलसी का स्वाद कृष्णा तुलसी से हल्का होता है।
तुलसी के फायदे
सिर्फ पौराणिक कारणों से ही नहीं हिंदू संस्कृति में भी तुलसी की पूजा की जाती है। तुलसी भी एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं और कई बीमारियों का इलाज करती है। आसानी से उगाई जाने वाली यह जड़ी-बूटी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है, खराब वायरस और बैक्टीरिया से लड़ती है। आयुर्वेद में तुलसी को बहुत महत्व दिया गया है और इसकी विस्तृत चर्चा की गई है। आधुनिक विज्ञान भी तुलसी के अधिकांश लाभों को स्वीकार कर चुका है। आइए इनमें से कुछ लाभों को सूचीबद्ध करें:
- त्वचा में निखार लाने में –
त्वचा में निखार लाने के लिए तुलसी के पत्ते फायदेमंद होते है। आप चाहे तो तुलसी के पत्ते को कच्चे खा सकते है या त्वचा पर पेस्ट की तरह लगा सकते हैं। तुलसी के पत्ते रक्त की अशुद्धियो को दूर करने में मदद करते है। इसके साथ त्वचा के संक्रमण, मुंहासे व दाग को कम करता है।
- तनाव को कम करने में
तनाव या चिंता की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में तुलसी का उपयोग तनाव को कम करने में प्रभावी होता है। यदि नियमित रूप से तुलसी की पत्तियों का सेवन किया जाएं तो मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ करता है। इसके अलावा तनाव की स्तिथि को सुधार करता है। यदि आप तनाव को कम करना चाहते है तो तीन से पांच पत्तियों का सेवन सुबह खाली पेट करें।- सर्दी दूर करने में फायदेमंद –
सर्दी या जुखाम होना सामान्य बात है लेकिन बार -बार होना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। सर्दी जुखाम को जड़ के ठीक करने के लिए तुलसी के पत्ते अधिक फायदेमंद होते है। तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुण है जो संक्रमण को रोकने में प्रभावी होता है। रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी की पत्ती का सेवन करने से सामान्य सर्दी जुखाम के साथ स्वास्थ्य की अन्य समस्या का जोखिम कम होता हैं।- कैंसर को रोकने में –
कैंसर एक तरह का घातक रोग है जिसका उपचार शुरुवाती समय में करवाने से जटिल समस्या से बचा जा सकता है। ऐसे हो घरेलु उपचार में तुलसी शामिल है। खाली पेट तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में फायदेमंद हो सकता है। इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट व एंटी कार्सिनोजेनिक होता है ये रक्तचाप को नियंत्रित करता है साथ ही ब्रेस्ट कैंसर के विकास को रोकता है। कैंसर के लक्षण को कम करने के लिए खाली पेट तुलसी का सेवन करना चाहिए। यदि कैंसर गंभीर है तो तुलसी के पत्ते को खाने की जगह चिकिस्तक से इलाज करवाना चाहिए। खाली पेट तुलसी के पत्ते खाने का सही तरीका ?
हमारे स्वास्थ्य के लिए तुलसी के बहुत से फायदे है और तुलसी के सेवन करने का सबसे आसान तरीका तुलसी की चाय बनाना है। तुलसी की चाय बनाने के लिए दो कप पानी में कुछ पत्तिया तुलसी की डाले और अच्छी तरह उबाल ले। कम से कम 15 से 20 मिनट तक उबलने दे। चाय की तरह होने के बाद किसी बर्तन में छान ले। स्वाद बढ़ाने के एक चमच शहद मिला ले। ऐसे आप खाली पेट तुलसी का सेवन कर सकते हैं।
तुलसी (Basil) से जुड़े हैरान कर देने वाले रोचक व् दिलचस्प तथ्य
4.तुलसी को संस्कृत में हरिप्रिया के नाम से जाना जाता है अर्थात जो हरि यानी भगवान विष्णु को प्रिय हो।
5.आपको जानकर हैरानी होगी तुलसी की पतियों के अर्क से मानसिक विकारो को भी ठीक किया जा सकता है यहाँ तक की डिप्रेशन जैसे रोगो में भी तुलसी का पौधा लाभदायक होता है।
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